अकेला पन सुनते ही लोगो के मन में एक भी समाधान (Solution ) आता है कि आपको किसी के साथ रिलेशन(Relation) में होना चाहिए . रिलेशन(Relation) में जाने से हम लोगो पे निर्भर (Depend) हो जाते है और जिससे न चाहते हुए भी हमारी दोहरी शख़्सियत (Dual personality ) हो जाती है.
हम उस रिलेशन (Relation) को बचाने के लिए झूठ बोलने लग जाते है और फिर उस झूठ को छूपाने के लिए झूठ पे झूठ बोलते है उस झूठ को याद भी करते है जिससे हमारे दिमाग पर ओर जोर पड़ता है, तब हम उस रिलेशन (Relation) में होते हुए भी एक डर और अकेला पन महसूस करते है.
Why I am alone
आज कल के लोग रिलेशन (Relation) को बचने लिए दिखावा करते है जबकि वो ह ही नहीं ऐसा. एक बार सोच कर के देखो अगर आपको कोई रिलेशन में झूठ बोलना ही नहीं पड़े तो कैसा होगा आपके दिमाग पर भोझ नहीं होगा आप फ्री फील करोगे.
अगर हम इन सब पॉइंट्स (Points) को मिला दे तो आपको लगेगा कुछ ह ही नहीं आप के भीतर सब खाली है, भूख है, और खाली पन को दूर करने के लिए किसी का सहारा लेते है जो एक अस्थायी समाधान (temporary solution) हैं.
हम एक उद्धरण(example) लेते हैं, हमारे पास दो लोग है, एक को अंदर से पूरी तरह से खाली है और दूसरा पूरी तरह से भरा हुआ है. उन दोनों में ज़मीन आसमान का फर्क है.
क्या वो रिलेशन(Relation) में जाना चाहेगे.
अगर है तो कैसे किस लिए जायेगे?
जो अंदर से खाली है वो जायेगा आपके खाली पन को दूर करने के लिए, या फिर अपने अंदर के दुःख को दूर करने के लिए, दुःख को दूर करने के लिए पर उसका खाली पन इतना बड़ा है. या कहे उसके अंदर इतना बड़ा गहरा होल है उसमे वो गिरता ही चला जा रहा है. ये हालत आज सब कि है, सब ही देशो कि भी, ये भूत काल (Past) में भी था , वर्तमान (present) में भी है और भविष्य (Future) में भी होता रहेगा .
अगर हम दूसरे कि बात करे जो अंदर से भरा हुआ है एक पूर्ण(Complete) आदमी, क्या वो रिश्ता (Relation) बनायेगा, उसको रिस्ता क्यों बनाना चाहिए ? उसको Relation में क्यों जाना चाहिए ? उसको तो किसी कि जरूरत ही नहीं है. फिर भी क्यों उसको Relation कि जरूरत है ? वो रिलेशन में जायेगा अपनी खुसी बाटने के लिए, प्यार बाटने के लिए , वो एक दिल दार आदमी है .
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तो आपको दिमाग लगाना है इसमें मत लगाना क्या करना है क्या नहीं करना है ये बाद का step है .
आपका सवाल ये होना चाहिए कि जो मैं करना चाहता हूँ 1000 लोगो ने कर लिया है फिर भी वो दुखी है, नकली है, परेशान है,
तो हमे सोचना होगा कि अपने खाली पन को दूर कैसे करू , कैसे अपने आप को भरु, क्या कर सकते है,
आप को अपने आप को पचनाना है कौन हो आप, आप इस अकेले नहीं हो, आप इस ब्रम्हांड (universe) से जुड़े पड़े हो. आपको इस काल चक्र से दूर होना है. आपको देखना है जो हो रहा है इस ब्रम्हांड (universe) में, क्या वो सच है या झूठ है. जो जैसा है आपको उसको उसी तरह से देखना है और जो आप हो वो उसी तरह दिखाना है.
आपको रोजाना ध्यान करना चाहिए.
You should Meditation daily
धन्यवाद ! Thanks ! राम राम ! नमो नमः !