आज की दौड़ भाग ज़िंदगी में हम सब ये भूल जाते है कि हमे रहना कैसे चाहिए? तो आज हम आप लोगो को इस ब्लॉग (blog) के माध्यम से बताना चाहते हैं की हम खुश कैसे रह सकते हैं.
हम सब जानते हैं इस संसार में जो भी हैं वह १००% खुश नहीं हैं भले ही वह दिखावा कर रहा हो की वह बहुत खुश हैं पर ऐसा कुछ नहीं हैं. आप ने देखा होगा आपके पड़ोस में या आपकी रिश्ते दारी में बहुत successful लोगो को क्या वो बहुत खुश हैं ?. क्या वे हमेशा खुश रहते हैं ? क्या वे हमेशा हॅसते खेलते रहते हैं ? नहीं जो भी इस धरती पे जन्म लेता हैं उसको खुश और दुःख मिलता रहता हैं समय समय पर.
मैं आपसे पूछता हूँ इंसान दुखी कब होता हैं ? तो आप बोल सकते हो जब कोई भी काम उसके हिसाब से नहीं हो रहा हो तब वह दुखी होता हैं.
इस संसार में जो भी आपको दिखता हैं वो सब अस्थायी (temporary) हैं. इंसान छोटी छोटी बातो के लिए दुखी होता रहता हैं एक्चुअल में वो उसकी हैं ही नहीं. उद्धरण के तोर पर हम
एक ज़मीन का टुकड़ा लेते हैं क्या वो आपका हैं ? क्या वो आपके जन्म के समय पे आप को मिला था या आपके जन्म के साथ आया था जी नहीं वो आपके माइंड (mind) में हैं या फिर आपके कागज़ में हैं कि वो आपकी हैं पर ऐसा कुछ नहीं हैं. वो ज़मीन नेचर(Nature) की हैं .
खुशी सफलता नहीं है बल्कि सफलता खुशी है (Happiness is not success but success is happiness )
How to be happy in life
क्या हमे पता हैं खुश कैसे रह सकते हैं ? अपने आप से पूछो क्या हम अभ्यास (practise ) से खुश रह सकते हैं .
आप अपने आप कोई खुश कब रख सकते हो जब कोई की काम आप कर रहे हो और उसके output का मोह आपको नहीं हैं तो आप खुश रह सकते हो. या फिर हम ये बोल सकते हैं अपने अपना काम ठीक से किया हैं उसका output जो भी होगा अच्छा ही होगा और जो भी होगा वो हमे मंजूर होगा तो आप कुछ रह सकते हो.
इस संसार में जो भी आपको दिखता हैं वो सब दिखावा हैं सब अस्थायी(temporary) हैं. आपको अपने दिमाग (Mind) के स्तर (Level) पे काम करना चाहिए.
आपको हमेसा शांत रहना चाहिए. जो भी होता हैं सब अच्छे के लिए होता हैं.
धन्यवाद ! Thanks ! राम राम ! नमो नमः !