आज हम जीस व्यक्ति की बात करने जा रहे है, उसका नाम विक्रम है. जो कि जिला मेरठ, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. विक्रम एक डॉक्टर है. उसको किसी काम के सिलसिले से देश के कई शहरो में जाना पड़ता है. विक्रम वैसे तो भूत परेतो में विश्वास नहीं करता था. जबसे विक्रम के साथ यह घटना हुई. तब से वह इन सब बातो में विश्वास करने लग गया.
आपको भी लगता है भूत परेत कुछ नहीं होता जब तक आप अपनी आखो या कानो से देख या सुन नहीं लेते. विक्रम के साथ भी कुछ ऐसा ही कुछ हुआ तो वह भी इन सब भूत परेतो कि बातो पर विश्वास करने लग गया.
जो अब हम आपको बताने जा रहे है वो एक सत्य घटना पर आधारित है जो विक्रम के साथ हुई.
सन 2003 के दिसंबर महीने में बारिश हो रही थी. तब विक्रम को काम के सिलसिले में राजस्थान के शहर में किसी हॉस्पिटल में जाना पड़ा. वहा पर विक्रम को एक ऑपरेशन करना था. ऑपरेशन में देरी से शुरू होने कि वजह से विक्रम हॉस्पिटल कि कैंटीन में कॉफी पीने चला गया . तब विक्रम वहा गया तो देखा वहा कोई नहीं था तो उसने खुद ही कॉफी मशीन से कॉफी ले ली और वही किसी कुर्सी पर बैठ गया और कॉफी का आनंद लेने लगा. तब ही विक्रम को अपने पीछे किसी के होने का अहसास हुआ तो उसने पीछे मुड़कर देखा तो वहा कोई नहीं था. थोड़ी देर बाद विकर्म के कान में किसी ने फूख मारी तब विकर्म ने देखा तो कोई नहीं था. ये घटना विक्रम ने किसी कम्पाउण्डर कोई बताई तो उसने बोलै यहाँ तेज हवा चल रही है तो आपको ये हवा लग रही होगी तब विक्रम को भी लगा हां हवा ही होगी. तब विक्रम वही कमरे में बैठ गया. तब थोड़ी देर बाद हॉस्पिटल से लोगो कि आवाजे आना बंद हो गयी तो विक्रम बाहर कि ओर बड़े तो देखते है सारा हॉस्पिटल एक खण्डार में तकदील हो चूका था.
तो विक्रम घबरा गया उसने आस पास देखा तो उसको कोई नहीं दिखा, सब सूनसान पड़ा हुआ था. तब थोड़ी देर में विक्रम को 2nd फ्लोर से किसी के होने कि आवाज सुनाई देने लगी. विक्रम को वहा करीब 20-25 लोगो का हसास हुआ. तब वह 2nd फ्लोर कि ओर बढ़ने लगा.
जैसे ही विक्रम 2nd फ्लोर के कमरे में पहुँचता है. विक्रम के कमरे में दाखिल होते ही विक्रम को 20-२५ लोग दिखते है और सब चुप हो जाते है और हसने लगते हैं. तब विक्रम घबरा जाता है और विक्रम बाहर भागने कि कोसीस करता है तब दरवाजा अपनेआप बंद हो जाता है. सब लोग विक्रम कि और बढ़ने लग जाते है धीरे धीरे, तब विक्रम जोर जोर से दरवाजे को पीटने लग गया. और जोर जोर से चिल्लाने लगा बचाओ बचाओ. तब दरवाजा पाने पास खुल जाता है ओर बाहर किसी बूढ़े इंसान को देखता है और बोलता है बाबा मेरे को बचा लो इन सब से तब बूढ़े बाबा बोले यहाँ तो कोई नहीं है. तब विक्रम देखता है कमरे कि लाइट On थी ओर हॉस्पिटल भी साधारण, पहले कि तरह दिख रहा था. तब विक्रम ने ये सब घटना बूढ़े बाबा को बताई तो बूढ़े बाबा बोले ये सत्य है यहाँ इस हॉस्पिटल में भूतो का वास है. ये हॉस्पिटल एक क़ब्रिस्तान को तोड़ करके बनाया हुआ है. तब विक्रम रातो रात अपने घर लोट जाता है.