वैसे हम सब ने ये शब्द बहुत सुना होगा इस संसार में. जिसकी हम बात करने जा रहे है उसको असंभव बोलते है. पर इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं हैं. ये सिर्फ परिकल्पनाएं हैं.
ये शब्द ना ही किसी Dictonary में पाया आता हैं.
ये शब्द बस हमने सुना होता हैं, लोगो से, किसी दोस्त से, टीचर (Teacher) से और ये हमारे दिमाग (Mind) में होता हैं. ये हमारे दिमाग (Mind) की परिकल्पना हैं. ये हमारे दिमाग (Mind) का खेल हैं, जो ये सुन (Listen) लेता हैं उसी को सच (fact) मान लेता हैं. इस शब्द (word) को जितना सुनोगे, तो ये उतना ही मजबूत होता जाता हैं और अंतरित होता रहता हैं लगातार सोचने से.
आप जितनी बार इसकी कल्पना करोगे उतनी बार ये ओर मजबूती के साथ आपके सामने आ करके खड़ा हो जाता हैं, जबकि ऐसा कुछ नहीं पाया जाता असल ज़िंदगी में.
इसको हम ओर अच्छे से समझते हैं कुछ EXAMPLES लेकरके
उद्धरण-1 (Example -1) : एक ब्रिटिश ओलिंपिक के कोच (British olympic coache) एंड्रू (Harry andrews ) हुआ करते थे उन्होंने 1903 में एक बयान (Statement) पास किया था. उन्होंने कहा था एक मील की दौड़ 4 min से पहले संभव नहीं हैं. THIS NEXT TO IMPOSSIBLE. पर ये बात एक आदमी था जिसने नहीं सुनी और 1954 में Roger Benister ने ये दौड़ 3 मिनट 59 सेकंड 004 (3.59.004) मिनट में करके दिखा दिया जो असंभव सा लगता था वो संभव है.
उद्धरण-2 (Example -2) : जो हम सुनते हैं वो ही हमारा दिमाग मान लेता हैं और वो ही करता हैं. जैसे, इंसान कभी भी चांद (Moon) पर नहीं पहुंच सकता हैं. ये एक मशहूर वैज्ञानिक डॉ. ली दे फारेस्ट (Dr. Lee De Forest) ने बयान (Statement) दिया था 1955 में. it is impossible for human being to cross earth globe. ये ही कि कोई भी चांद पर नहीं जा सकता हैं. पर एक इंसान था जिसने उसके बयान (Statement) को नहीं सुना और 1969 में वह चांद पर पहुंच गया. जिसको आज हम वर्तमान में Neil Armstrong के नाम से जानते है , उसके बाद तो space journey मानो कोई local journey हो.
Dr. Lee De Forest
Neil Armstrong
उद्धरण-3 (Example -3) : Wilma Glodean Rudolph जिसने 3 Olympics Medals जीते अमेरिका (America) के लिए , यह एक ऐसी एथिलीत थी जिसको पोलियो (polio) था और डॉक्टर (Doctor) ने बोला तुम कभी चल नहीं सकती हो(Walk is impossible to you) पर उसकी माँ ने उसको बोला तुम चल सकती हो. उसने डॉक्टर का बयान दिमाग से निकाल कर आपकी माँ की बात सुनी और 3 Olympics Medals जीते.
Wilma Glodean Rudolph
तो आखरी में इतना बस ही मेरे दोस्तों असंभव कुछ भी नहीं हैं इस दुनिया में, बस परक हमारी सोच का होता हैं.
जो हम सोचते हैं हमारा दिमाग वो ही करता हैं. आप सोचोगे ये संभव हैं, तो संभव होगा और असंभव सोचोगे तो असंभव होगा. असंभव तब तक होता हैं जब तक कोई कर नहीं लेता.
Thank you ! राम राम